अगले वित्त वर्ष से NPS में निवेश पूरी तरह टैक्स फ्री होगा. इसकी वजह है कि सरकार ने नई पेंशन स्कीम में कुछ बदलावों पर मुहर लगा दी है. इसमें NPS को EEE यानी एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट का दर्जा दिया जाना भी शामिल है. NPS में बदलाव अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल 2019 से लागू होंगे.
कैबिनेट की बैठक पिछले सप्ताह हुई थी. उसी में NPS को लेकर कुछ अहम फैसले किए गए. सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए NPS के तहत सरकार की ओर से दिया जाने वाला योगदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है. अभी तक यह 10 फीसदी है. हालांकि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 फीसदी ही रहेगा. इसके साथ ही रिटायरमेंट पर NPS से की जाने वाली निकासी को भी पूरी तरह से कर मुक्त बना दिया गया है.
क्या है EEE दर्जा
EEE दर्जे का अर्थ है कि उस सेविंग्स में लगाया जाने वाला पैसा, उससे आने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला अमाउंट तीनों पर टैक्स नहीं लगता है. अभी तक यह यह बेनिफिट केवल PPF में था.
अभी कैसे लगता है टैक्स
एनपीएस के तहत कर्मचारी रिटायरमेंट के वक्त कुल जमा कोष में से 60 फीसदी राशि निकालने का पात्र है. शेष 40 फीसदी राशि पेंशन योजना में चली जाती है. अभी तक एनपीएस के अंशधारक को योजना में जमा राशि में से रिटायरमेंट के समय 60 फीसदी राशि की निकासी में से 40 फीसदी कर मुक्त थी, जबकि शेष 20 फीसदी पर कर लिया जाता है. वित्त मंत्री ने कहा कि अब योजना से बाहर होते समय निकाली जाने वाली 60 फीसदी राशि को टैक्स फ्री कर दिया गया है. इसके साथ ही एक तरह से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त हो गई है.
कर्मचारियों के हित के लिए हैं ये बदलाव
जेटली ने कहा कि कर्मचारियों के व्यापक हित में यह बदलाव किए गए हैं. NPS में सरकार के योगदान में की गई वृद्धि से सरकारी खजाने पर 2019-20 में 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
न्यूनतम पेंशन 2000 करने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के पास
इससे पहले श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा था कि न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया गया है. सरकार इस पर जल्द फैसला करेगी.
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